विवेचना कर नहीं दाखिल हो रही न्यायालय मे आख्या

कानपुर ! उच्चअधिकारी लाख सन्जिदा हो विवेचना मे गम्भीरता को लेकर मगर शहर की पुलिस का रवईया नही बदल रहा,वर्ष 2014 का एक मुकदमा थाना नौबस्ता मे पंजीकृत हुआ जिसका अपराध संख्या 634/14 था पाँच वर्ष बीत गए मगर न्यायालय मे आख्या न दाखिल हो सकी,इसके बाद जब दि 25 /10/19 एक ट्वीट के माध्यम से शिकायत की गयी तो गोविंद नगर सी ओ,को जॉंच के आदेश हुए,जब 5 साल तक न्यायालय मे रिपोर्ट नही पहुचेगी तो आखिर न्यायालय कैसे समय से निस्तारण कर पायेगा



  1. ऐसे अनगिनत मामले नगर के विभिन्न थानो मे विचाराधीन है,जिसमें आज तक न्यायालय आख्या नहीं पहुंची,इस लापरवाही का कारण भी साफ है विवेचक को नहीं होता कार्यवाही का डर,दोष तो इंसान सीधा लगा देता है मगर लापरवाही किसकी है ये जनना आवश्यक है