अस्पताल को समझा मंदिर,मगर हो रही अश्लीलता

कानपुर का मरियमपुर अस्पताल बन्ना अश्लीलता का अड्डा दरअसल ईसाई धर्म के संचालक मंडल द्वारा संचालित किया जाने वाला मरियमपुर अस्पताल कम पैसों में गरीबों के इलाज व गर्भवती महिलाओं जच्चा बच्चा  के इलाज का दावा करने वाले मरियमपुर अस्पताल में महिलाएं आती हैं और और बच्चे के जन्म होने के वक्त महिलाएं जब आईसीयू व अस्पताल के कमरे में जाती हैं तो उनके वस्त्र पूर्ण रूप से उतरवा दिए जाते हैं एवं उक्त कमरे में खुले होने की वजह से  कर्मचारियों का आना जाना रहता है जिस कारण महिलाएं होश में आने पर अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं मगर मरियमपुर अस्पताल द्वारा गर्भवती महिलाओं के साथ कम पैसे में सुविधा सेवा देने का दावा करने वाले अस्पताल का यह कृत्य मात्र अश्लीलता का ही दिखावा करता है अस्पताल व न्यायालय को इंसान मंदिर की नजर से देखता है जहां पर इस प्रकार का कृत्य किया जाना घोर आपत्तिजनक है


लोक लाज के डर से व अस्पताल में सही इलाज के डर से जल्दी महिलाएं इस बात पर अपने दर्द को बयां नहीं करती हैं मगर यह कृत मात्र इस बात को इंगित करता है कि यह कृत मानवीता को शर्मसार करने वाला है


 नाम ना लेने की शर्त पर माया( काल्पनिक नाम )ने बताया कि वह अपने गर्भवती होने के दौरान इलाज कराने मरियमपुर अस्पताल पहुंची थी जहां पर उसके बच्चे के जन्म होने के पश्चात उसने अस्पताल में यह देखा कि वहां पर लगभग 10 महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया था जहां पर उन महिलाएं में कोई भी वस्त्र धारण नहीं कर रखे थे व वहां पर आने जाने वाले कर्मचारी डॉक्टर इत्यादि अन्य व्यक्ति बिना रोक-टोक के आ जा रहे थे किसी प्रकार का कोई भी प्रबंध ना होने की वजह से यह कृत्य मात्र अश्लीलता व कुःप्रशासन की ओर इंगित करता है