जामिया व एएमयू में बर्बरता पर भड़के छात्र-छात्राओं को प्रदर्शन की नहीं मिली इजाजत

-भड़के छात्रों ने प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने का लगाया आरोप



-कहा, नागरिकता संसोधन अधिनियम को लेकर जारी रखेंगे प्रदर्शन, छात्रा ने दी पीआईएल दाखिल करने की हुड़की



कानपुर। नागरिकता संसोधन अधिनियम के बाद जामिया व एएमयू में पुलिस बर्बरता को लेकर सैकड़ों छात्र-छात्राएं सोमवार को परेड पहुंचे। जहां विरोध प्रदर्शन का इजाजत न मिलने पर उन्होंने हंगामा काटा और प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। इस दौरान गुस्साएं छात्र-छात्राओं ने हाथों में स्लोगन लगी पोस्टर दिखाते हुए अधिनियम का विरोध जारी रखने की चेतावनी दी।
नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में दिल्ली के जामिया व अलीगढ़ के एएमयू में उग्र छात्र-छात्राओं पर बल प्रयोग किया गया। सोमवार को यह मुद्दा लखनऊ भी पहुची। कानपुर में भी इसको लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए हलीम मुस्लिम कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्राएं परेड स्थित शिक्षक पार्क पहुंचे। छात्रों की भीड़ के पहुंचने से पूर्व ही खुफिया के साथ ही एलआईयू व पीएसी बल के साथ स्थानीय पुलिस बल मुस्तैद था। पुलिस ने धारा 144 लागू होने के चलते विरोध प्रदर्शन की इजाजत निरस्त होने की बात छात्रों को बताई। प्रदर्शन की इजाजत अचानक निरस्त होने पर कुछ छात्राएं व छात्र भड़क गए और प्रशासन पर केन्द्र व प्रदेश सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाने लगे।
छात्र फैज ने आरोप लगाया कि हम जामिया व एएमयू के परिसर में घुसकर छात्र-छात्राओं पर हुए बर्बरता शांति पूर्ण व गांधीवादी तरीके से अपना विरोध दर्ज कराने आए थे, लेकिन हमें इसके लिए रोक दिया गया। इस नीति के खिलाफ हम नहीं रुकेगे और अपना नागरिकता संसोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे। छात्रा शाइमा ने कहा कि हमें देश में स्वतंत्रता से रहने का अधिकार किसी भी अधिनियम को थोप कर नहीं छीना जा सकता। हम एक सेक्युलर देश में रहने वाले लोग हैं, हमें धर्म, जाति व वर्गों में नहीं बांटें। छात्रा ने बिना किसी डर भय के कहा कि वह अधिनियम के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे और इसका पुरजोर विरोध जारी रखेंगे। हालांकि की पुलिस बल के चलते छात्र-छात्राओं की भीड़ ज्यादा हंगामा नहीं कर सके और कार्रवाई के खौफ से कुछ समय बाद चले गए।