- नागरकिता संशोधन एक्ट को लेकर प्रदर्शन के दौरान सपाईयों की पुलिस तीखी झड़प
-140 सपा नेता व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस ने पुलिस लाइन में घंटों रखा
कानपुर। रोक के बावजूद नागरकिता संशोधन एक्ट, मंहगाई और कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी नेताओं ने जिले में प्रदर्शन किया। अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं से पुलिस की तीखी नोकझोक हुई। परेड में प्रदर्शन कर रहे सपाईयों से झड़प के बाद पुलिस को थोड़ा बल प्रयोग करना पड़ा।
राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश पर गुरुवार को पूरे उत्तर प्रदेश में सपाइयों को नागरिकता संशोधन एक्ट, एनआरसी, मंहगाई व कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन करना था। कानपुर में भी स्थानीय इकाई द्वारा तैयारी करते हुए शहर के अलग-अलग स्थानों में सुबह से ही सड़कों पर उतरे सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। सपा के हल्ला प्रदर्शन को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन की रोक के बावजूद प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए और भीड़ के साथ केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस को भाजनी पड़ी लाठियां
सीएए, एनआरसी सहित अन्य मुद्दों को लेकर सैकड़ों की संख्या में पेरड स्थित चौराहे पर पहुचे। यहां पर रोक के बावजूद प्रदर्शन कर रहे सपाईयों को पुलिस ने समझाया और धारा 144 लागू होने के चलते अपने-अपने कार्यालय में विरोध दर्ज कराते हुए ज्ञापन सौंपने की बात कही, लेकिन कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं मानी। इस दौरान पुलिस की सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं से तीखी नोकझोक हुई। इस बीच नोकझोक करते समय सपा नेता मोइन खान, के अलावा मोहम्मद हसन रुमी और चंद्रेश सिंह के साथ धक्का-मुक्की होने पर जमीन पर गिर गए। इससे जमा सपाई कार्यकर्ता उग्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। भीड़ को उग्र होने पर पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लाठी पटक कर सभी खदेड़ा गया। पुलिस ने यहां से सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और बसों से पुलिस लाइन भेजा। सपा नेता लगातार गिरफ्तारी के दौरान भी नारेबाजी करते रहें। सपा नेताओं ने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट के जरिए केंद्र सरकार देश को आग में झोंकने का प्रयास कर रही है।
सोशल मीडिया पर पुलिस ने दी थी जानकारी
सपा के होने वाले प्रदर्शन को लेकर कानपुर पुलिस की ओर से सोशल मीडिया के जरिए सड़कों के बजाए कार्यालयों में ही ज्ञापन देने की अपील की थी। ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे और जनता को प्रदर्शन से होने वाली परेशानी से भी बचाया जा सके। पुलिस ने कार्यालयों में ही प्रदर्शन का ज्ञापन सौंप कर विरोध दर्ज कराने की हिदायत दी थी। इसके बावजूद सपा कार्यकर्ता नेताओं के साथ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने पहुंच गए।
140 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
पुलिस के रोक के बावजूद प्रदर्शन कर रहे 140 सपा नेता व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर बसों से पुलिस लाइन भेजा गया। पुलिस ने घंटों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया। हालांकि रोक के बावजूद प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सम्भवतः पुलिस मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई भी कर सकती है।