नगर निगम के आखिरी सदन में भी दिखी महापौर और भाजपा पार्षदों की बीच खीचतान

- महापौर ने अधिकारी को बुलाकर की स्थित साफ, पार्षदों ने सदन का किया बहिष्कार


कानपुर। नगर निगम में महापौर और भाजपा के ही कुछ पार्षदों के बीच लंबे समय से खीचतान चल रही है। शनिवार को जब नगर निगम का आखिरी सदन शुरु हुआ तो भी यह लकीर फिर दिखाई दी। सदन में तीन मौके ऐसे आए, जब महापौर और भाजपा पार्षदों के बीच चल रहा द्वंद सबके सामने आया। एक मामले में महापौर ने एक अधिकारी को बुलाकर स्थिति साफ की लेकिन सदन बहिष्कार के समय जहां कई पार्षद सदन के बाहर चले गए, वहीं महापौर के गुट के पार्षद सदन के अंदर मौजूद रहें।

दरअसल, नगर निगम में महापौर प्रमिला पांडेय और भाजपा के दो पार्षदों के बीच लंबे समय से द्वंद चल रहा है। इसमें एक तो उपनेता सदन महेंद्र शुक्ल हैं और दूसरे पार्षद शास्त्रीनगर के राघवेंद्र मिश्र हैं। इस साल के आखिरी सदन में जब पार्षद हंगामा और चर्चा करते रहे तो जब उपनेता सदन महेंद्र शुक्ल का नंबर आया, तो उन्होंने अपनी एक फाइल रोके जाने का मुद्दा उठा दिया। महेंद्र शुक्ल ने महापौर प्रमिला पांडेय से कहा कि वह देश की पहली ऐसी महापौर हैं, जिन्होंने एक पार्षद की फाइल रोक ली है।

सदन में बुलाये गये उद्यान अधिकारी
उपनेता सदन के इस आरोप पर महापौर ने कहा कि जब उस समय फाइल पर वार्ता लिखा था, तब आप क्यों नहीं आए। इसके बाद महापौर ने उद्यान अधिकारी वीके सिंह को मंच पर बुलाकर स्थिति साफ की। उद्यान अधिकारी ने बताया कि फाइल पर चीफ इंजीनियर ने वार्ता लिखी थी लेकिन कोई वार्ता करने के लिए नहीं आया। इससे पहले कि महापौर कुछ बोलती, भाजपा पार्षद विकास जायसवाल ने कहा कि छह माह से एक फाइल से जुड़ा मुद्दा उठता, इसकी जांच होनी चाहिए। भाजपा पार्षदों का कहना है कि यह मामला साल 2014 का है। इसमें काम तो जोन चार में हुआ लेकिन फाइल किसी दूसरे जोन से बनवाई गई। इसकी भी जांच होनी चाहिए कि काम हुआ कि नहीं।

कार्यकारिणी सदस्यों का हो रहा काम
इसके बाद भाजपा पार्षद राघवेंद्र मिश्र खड़े हो गए। राघवेंद्र ने पार्षदों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे शहर की जनता टैक्स देती है लेकिन काम केवल कार्यकारिणी सदस्यों के वार्डों में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार कार्यकारिणी में तय हुआ था कि हर पार्षद के वार्ड में 40 लाख की लागत के काम होंगे लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अमृत योजना में लिए जाने वाले पार्क भी कार्यकारिणी सदस्यों के वार्डों के लिए जा रहे हैं।

पार्षदों के विकास कार्यों की सूची लगेगी
भेदभाव के आरोपों पर महापौर का पारा उखड़ गया। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि वह जरूरत के हिसाब से सभी वार्डों में काम कराती हैं। उन्होंने कहा कि शहर के बाहरी क्षेत्रों में अगर ज्यादा काम होता है, तो वहां कराना होता है। महापौर ने कहा कि अगले सदन में वह सदन के बाहर सभी 110 पार्षदों के वार्ड में अब तक हुए विकास कार्यों की सूची को लगवाएंगी, ताकि सभी की स्थिति साफ हो सके।

महापौर के विरोधी पार्षदों ने किया बहिष्कार 


वहीं, शाम के समय भाजपा के कई पार्षदों ने अफसरों पर सही जवाब न देने का आरोप लगाकर सदन के बहिष्कार की बात कही। हंगामे के बीच उपनेता सदन समेत कई पार्षद सदन के बाहर चले गए, जबकि कई अन्य पार्षद सदन के अंदर ही मौजूद रहे। सदन के अंदर मौजूद भाजपा पार्षदों का कहना था कि जब महापौर यहां मौजूद हैं तो बहिष्कार कैसा। बहिष्कार करने वाले पार्टी के अन्य पार्षदों का यह अपना फैसला है।