नगर निगम के अफसर कागज पर उठवा रहे महानगर का कूड़ा

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जरुरत के अनुसार आधी भी नहीं हैं गाड़ियां, नये वर्ष में आने की उम्मीद



- जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति में अफसरों ने बोला झूठ

कानपुर। कानपुर महानगर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया पर अभी भी डोर टू डोर कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। यह अलग बात है कि अफसर बराबर इस पर सफेद झूठ बोल रहे हैं और सिर्फ कागजों पर महानगर का कूड़ा उठवा रहे हैं। हद तो तब हो गयी जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में सांसद के सामने अफसरों ने झूठ बोलकर बचकर निकल लिये। इस झूठ को जनप्रतिनिधि भी नहीं पकड़ पाये, जबकि महानगर में कूड़े की गाड़ियां जरुरत के अनुसार आधी भी नहीं हैं। नगर आयुक्त का कहना है कि नये वर्ष में गाड़ियों के आने की उम्मीद है।


स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद भी नगर निगम कूड़े के निस्तारण के लिए अभी तक ठोस उपाय नहीं कर सका। जिसके चलते शहरवासियों को कूड़ा फेकने भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं नगर निगम के अफसर बराबर झूठ बोल रहे हैं और उनका दावा है कि डोर टू डोर कूड़ा उठाया जा रहा है। दो दिन पूर्व विकास भवन में सांसद अशोक रावत की अध्यक्षता में हुई जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में भी अफसरों ने आंकेड़ेबाजी कर ऐसा झूठ बोला कि सांसद समेत मौजूद अन्य जनप्रतिनिधि भी नहीं पकड़ पाये। अफसरों ने बकायदा प्रिंट दिया कि महानगर के 110 वार्डों में 106 वार्डों का कूड़ा डोर टू डोर उठ रहा है। जबकि चार वार्डों में आंशिक रूप से घरों से कूड़ा उठाया जा रहा है। इसके अलावा कूड़ा कलेक्शन में लगी गाड़ियों की संख्या भी 496 बताई गई है। वहीं हकीकत यह है कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत कूड़ा गाड़ियों को खरीदने की तैयारियां की जा रही हैं। नगर निगम के पास मौजूदा समय में 270 गाड़ियां हैं और सभी वार्ड़ों का कूड़ा उठाने के लिए छह सौ गाड़ियों की जरुरत होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद अशोक रावत तो दूसरे क्षेत्र के थे और उन्हे शहर की स्थिति भी नहीं मालूम रही होगी पर वहां पर मौजूद शहर सांसद सत्यदेव पचौरी, विधायक अरुण पाठक आदि जनप्रतिनिधि कैसे अफसरों की इस आंकड़ेबाजी को नहीं पकड़ पाये।

नगर आयुक्त का कहना  

नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि महानगर में डोर टू डोर कूड़ा उठवाने के लिए कितनी गाड़ियों की जरुरत होगी, इसके लिए सर्वे करवाया गया है। सर्वे में यह बात सामने आयी है कि 110 वार्डों के लिए 600 कूड़ा गाड़ियों की जरुरत होगी और वर्तमान समय में नगर निगम के पास 270 गाड़ियां काम कर रही हैं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत नये साल में 330 कूड़ा गाड़ी खरीदने का प्रावधान रखा गया है। नये साल में इन गाड़ियों के आने से कूड़ा निस्तारण की समस्या खत्म हो जाएगी। वहीं विकास भवन में पेश किये आंकड़ों को लेकर नगर आयुक्त ने कन्नी काट ली। सूत्रों की माने तो नगर निगम के अफसर पहली बार नगर आयुक्त बने अक्षय त्रिपाठी को भी अंधेरे में रखते हैं।

डंपिंग प्वाइंट पर होगा कूड़े का निस्तारण
पनकी स्थित कूड़ा डंपिंग प्वाइंट पर नगर निगम अब अपने खर्चे पर कूड़ा निस्तारण का काम शुरू करेगा। नगर आयुक्त का कहना है कि यहां पर 500 टन की तीन ट्रोमल खराब पड़ी हैं, इनमें से एक मशीन को नगर निगम सही कराएगा। इन मशीनों तक पहुंचने के लिए इनके आगे लगे कूड़े के पहाड़ अभी हटाए जा रहे हैं। इसके बाद एक मशीन को शुरू कर नगर निगम अपने खर्चे पर कूड़े का निस्तारण शुरू करेगा।