फतेहपुर दुष्कर्म पीड़ित की मौत पर सियासत बढ़ी, धरने पर बैठे कांग्रेसी

-पोस्टमार्टम हाउस के बाहर धरना दे रहे कांग्रेसियों के चलते पुलिस बल तैनात


कानपुर। सूबे के उन्नाव के बाद दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाई गई फतेहपुर की पीड़ित युवती ने गुरुवार को हैलट अस्पताल में दम तोड़ दिया। पीड़ित की मौत के बाद कांग्रेसी नेता पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और प्रदेश की कानून व्यवस्था व महिला अपराधों की रोकथाम में योगी सरकार की नाकामी गिनाते हुए धरने पर बैठ गए। कांग्रेसियों के धरने पर बैठने के चलते पुलिस बल तैनात करते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है।
फतेहपुर में 14 दिसम्बर को हुसैनगंज क्षेत्र के एक गांव में दरिंदे ने घर में घुसकर 18 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद आरोपी ने युवती के शरीर पर केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया था। 80 फीसद झुलसी पीड़ित को फतेहपुर से कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया था। हैलट में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता की गुरुवार सुबह सात बजे मौत हो गई। हैलट में उसका इलाज जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुराग सिंह और प्लास्टिक सर्जन डॉ पुष्पेंद्र कनौजिया की देखरेख में चल रहा था। डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता अत्याधिक जली हुई थी, उसके अंदरूनी अंगों में सूजन आने लगी थी। मंगलवार की शाम को सांस लेने में तकलीफ के बाद उसके फेफड़े में ट्यूब डालकर उसे ऑक्सीजन दी जा रही थी। इसके साथ ही उसे पीओवी वार्ड में शिफ्ट कर वेंटीलेटर पर रखकर इलाज किया जा रहा था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेज दिया।



न्यायिक जांच की मांग के साथ धरने पर बैठे कांग्रेसी



दुष्कर्म पीड़ित की मौत के बाद सियासत गर्माने लगी और कांग्रेसी नेता हर प्रकाश अग्निहोत्री की अगुवाई में कई नेता व कार्यकर्ता पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। कांग्रेसी यहां पोस्टमार्टम गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच के साथ ही पीड़ित परिवार के मुआवजे की भी मांग की। शहर कांग्रेस अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री, पूर्व सांसद राकेश सचान, कमल शुक्ल बेबी के साथ अन्य कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि पहले उन्नाव और अब फतेहपुर में जिस तरह दुष्कर्म पीड़िताओं को जलाकर मारा गया, उससे प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अभी तक पीड़ित परिवार पर ध्यान नहीं दिया है। यहां किसी किस्म की अशांति न हो, इसके देखते हुए पुलिस बल