उन्नाव। पिता के मुताबिक जब तक मुख्यमंत्री घर नहीं आते शव को नहीं दफनाया जाएगा।
बड़ी बहन ने भी घर के एक सदस्य को नौकरी और आरोपितों को फांसी देने की शर्त रख दी।
दुष्कर्म पीड़िता की शुक्रवार रात मौत हो जाने के बाद शनिवार रात करीब 9:08 बजे उसका शव गांव पहुंचा। रात को पीड़िता की बड़ी बहन के नहीं पहुंचने के कारण प्रशासन को सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने वाला परिवार रविवार सुबह पलट गया। बड़ी बहन के आने के बाद परिवार इस जिद पर अड़ गया है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आते शव नहीं दफनाया जाएगा। साथ ही परिवार ने एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की शर्त भी रख दी है। पीड़िता की बड़ी बहन ने उन्नाव से लेकर लखनऊ तक इलाज ठीक से नहीं होने का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि उनकी बहन कर तड़प-तड़प कर मर गई।
शनिवार रात को शव गांव पहुंचने के बाद डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय से दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने बड़ी बेटी के घर पहुंचने के बाद रविवार सुबह शव को दफनाने के बात की थी। देर रात बेटी के पहुंच जाने पर सुबह अधिकारी अंतिम संस्कार करने में लिए घर पहुंचे तो पिता ने शव दफनाने से इन्कार कर दिया। पिता के मुताबिक जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घर नहीं आते शव को नहीं दफनाया जाएगा। बड़ी बहन ने भी घर के एक सदस्य को नौकरी और आरोपितों को फांसी देने की शर्त रख दी।
बहन का कहना है कि पीड़िता ने अंतिम सांस लेते वक्त पूछा था कि सभी गिरफ्तार हुए कि नहीं, उसने सबको सजा दिलाने का वादा भी लिया था। परिवार के मन बदलने के बाद अधिकारियों ने तत्काल इसकी जानकारी शासन के आला अधिकारियों को दी। उसके साथ ही अधिकारी परिवार के रिश्तेदारों के जरिये पिता और बहन को किसी तरह से मनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस बीच प्रशसन ने शव को दफनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके कब्र खोदवाई जा रही है।
बता दें कि शादी के झांसे में आकर सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई 25 वर्षीय युवती की शुक्रवार रात 11.40 बजे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। दुष्कर्म का केस वापस लेने से इन्कार पर उसे गांव के ही पूर्व प्रधान समेत पांच लोगों ने जिंदा जला दिया था। सभी आरोपित जेल में हैं। शनिवार सुबह मौत की खबर मिलते ही देशभर में गुस्से का ज्वार फूट पड़ा।
12 दिसंबर 2018 : लालगंज में युवती के साथ दुष्कर्म।
4 जनवरी 2019 : महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष से शिकायत।
4 मार्च 2019 : महिला आयोग के आदेश पर बिहार थाने में एफआइआर।
5 मार्च 2019 : न्यायालय के आदेश पर लालगंज कोतवाली में एफआइआर।
1 जुलाई 2019 : आरोपित शुभम त्रिवेदी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ।
19 अगस्त 2019 : आरोपित शुभम त्रिवेदी के खिलाफ धारा 82 की कार्रवाई।
19 सितंबर 2019 : आरोपित शिवम त्रिवेदी ने न्यायालय में सरेंडर किया।
25 नवंबर 2019 : आरोपित शिवम त्रिवेदी को हाईकोर्ट से जमानत मिली।
30 नवंबर 2019 : आरोपित शिवम त्रिवेदी जमानत पर जेल से छूटा।05 दिसंबर 2019 : उन्नाव में पीड़िता को जिंदा जला दिया गया।06 दिसंबर 2019 : दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में पीडि़ता की इलाज के दौरान मौत हो गई।