सरकारी स्वास्थ्य दावे हो रहे धराशाही, जाने क्या है मामला

*स्वास्थ्य विभाग की मनमानी 30 शैय्या महिला चिकित्सालय में ठोक दिया ताला*


*शासन के कागजों पर चल रहे अलग-अलग  चिकित्सालय लेकिन जिले की हकीकत कुछ और*


 *महिला जिला चिकित्सालय में काफी समय से नहीं हुई ओपीडी और जनरल वार्ड में नहीं पहुंचे मरीज ठोक दिया ताला*


कानपुर देहात जनपद में जहां मेडिकल सेंटर खुलने को लेकर सरकार ने नई सौगात दी है वही जिले के तो हाल देखिए यहां के जिम्मेदारों ने 30 शैय्या वाले महिला जिला चिकित्सालय में ताला ही ठोक दिया और सारा अस्पताल स्टाफ दूसरे अस्पताल में बिना कोई शासन के निर्देश लिए मर्ज कर दिया। अब हालात तो देखिए जहां 30 शैय्या महिला जिला चिकित्सालय के लिए आज भी भारी भरकम बजट आ रहा है और उसके संचालन व्यवस्था में बन्द कर ताला मारी हो गई है इस पर कोई आला अफसरों का ध्यान ही नहीं है। बताते चलें कि जिले में 100 शैय्या मेर्टनल चाइल्ड हेल्थ ( एमसीएच) यूनिट का संचालन शुरू होने से 30 शैय्या वाला समस्त स्टाफ 100 शैय्या वाले अस्पताल में  मर्ज हो गया जबकि महिला  जिला चिकित्सालय स्टाफ अलग कार्य करेगा। और 100 शैय्या वाले मेर्टनल चाइल्ड हेल्थ यूनिट अलग कार्य करेगी ऐसी अन्य जिलो मे हो रहा है लेकिन इस जनपद मे ऐसा न हो सका जिले के कुछ अफसरों ने ताना-बाना बुन 30 शैय्या महिला चिकित्सालय में ताला ठोक दिया। और 100 शैय्या मैर्टनल चाइल्ड हेल्थ(एमसीएच) यूनिट में सारा स्टाफ शिफ्ट हो गया प्रश्न यह है कि महिला जिला चिकित्सालय का बजट अलग  अलग ही आवंटित है और शासन स्तर से आज भी सवाल जवाब अलग अलग मांगे जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अफसर इस व्यवस्था में भोली भाली जनता को गुमराह करते हुए 30 शैय्या अस्पताल में मे मनमानी इन दिनों जहां डेंगू का प्रकोप जिले में जमकर दिख रहा है रिपोर्ट की मानें तो 95 डेंगू रोगी होने की स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि भी की है तथा पांच डेंगू पीड़ित की मौत भी दर्ज की गई है और तो और महिला सशक्तिकरण के लिए शासन प्रशासन हर व्यवस्था को चाक-चौबंद करने एवं जागरूकता फैलाने पर भी जोर दे रहा है  योजनाओं से लाभ दे रहा है। लेकिन जिले के हालात ऐसे हैं  चिकित्सालय  स्टाफ की बात करें तो 30 शैय्या महिला चिकित्सालय का इंचार्ज शासन स्तर से सीएमएस है। जबकि 100 शैय्या मैर्टनल चाइल्ड हेल्थ मे चिकित्सा अधीक्षक अस्पताल का इंचार्ज शासन स्तर से नामित किया गया है पड़ोसी जनपद इटावा की बात करें तो यहां भी 100 शैय्या मैर्टनल हेल्थ 30 शैय्या महिला जिला चिकित्सालय 70 शैय्या जिला पुरुष चिकित्सालय अलग-अलग संचालित है और तो और शासनादेश के क्रम में मेडिकल सेंटर बनाने के मामले में भेजे गए दस्तावेज के क्रम में जनपद कानपुर देहात में भी 100 शैय्या मैर्टनल हेल्थ 30 शैय्या महिला जिला चिकित्सालय और 70 शैय्या पुरुष जिला चिकित्सालय कुल मिलाकर 200 शैय्या चिकित्सक के संचालन होने की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने मेडिकल सेंटर की मंजूरी दी है लेकिन यहां अब मनमानी हो रही है जबकि काफी मात्रा में 100 शैय्या एमसीएच सेंटर चलाने हेतु उपलब्ध है सिर्फ चिकित्सालय अधीक्षक के अभाव में इसकी अलग जिम्मेदारी नहीं चल पा रही है वहीं सीएमएस ने स्वयं सहित अपना पूरा स्टाफ उसी बिल्डिंग में शिफ्ट कर लिया और अपने अस्पताल में तालाबंदी कर दी आज वहां पर मरीजों के स्थान पर सुंदर सुसज्जित बिल्डिंग में कूड़ा भरा है और चैनल में ताला लटक रहा है जिम्मेदार इस मामले में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जबकि सीएमएस अर्चना श्रीवास्तव ने भी स्टाफ का अभाव होने की बात कई है किंतु 30 शैय्या अस्पताल में तालाबंदी के मामले में कुछ कहने से इंकार भी किया इस मामले में कानपुर मण्डलायुक्त डॉक्टर सुधीर बोबडे ने बताया तीनों यूनिट अलग-अलग स्तर से संचालन संबंधी निर्देश हैं और इनका संचालन होना भी चाहिए मामला संज्ञान में आया है जांच होगी इस मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को भी अवगत कराया गया है उन्होंने संचित जानकारी जिले से मांगने की बात कही है।