- मौसम के बदले मिजाज पर सजा सर्द कपड़ों के बाजार, बुजुर्ग हलाकान
कानपुर,। पहाड़ों पर हो रही बर्फवारी के साथ बीते दिनों हुई बारिश का असर अब दिनों दिन दिखने लगा है और शीतलहर का कहर बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को कड़ाके की ठंड ने जनमानस को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया। दिनभर चली ठंडी हवाओं से देर शाम शीतलहर और विकराल होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि हवाओं की रफ्तार तेज है और अब बराबर सर्दी पड़ने के आसार बने हुए हैं। वहीं मौसम के बदले मिजाज को लेकर सर्द कपड़ों के बाजारों में रौनक आ गयी और खूब बिक्री हो रही है। शीतलहर के चलते खासकर बुजुर्ग अपने घरों पर दुबकने को मजबूर हो गये हैं।
हाल ही हुई बारिश और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि प्रांतों में हो रही बर्फवारी से तापमान में लगातार गिरावट आ रही है और ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बर्फीली हवायें तापमान में गिरावट के साथ-साथ शीतलहर का रूप धारण करती जा रही हैं। बादल रहने से अभी ठंड से मामूली राहत महसूस की जा रही है। आसमान से बादलों के हटते ही ठंड और बढ़ जायेगी। बुधवार को बादल भी छाये रहे, जिससे तेज धूप नहीं निकल सकी और हवा ने दिशा बदलकर गति में भी इजाफा किया तो जनमानस सिहर उठा। आने वाले दिनों में बादलों के आसमान से हटते ही ठंड और कहर बरपायेगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. नौशाद खान ने बताया कि ठंड का दौर शुरू हो चुका है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी का असर मैदानों में दिखने लगा है, जो आगे भी रहेगा। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आयी है और तेज हवाओं से सर्द शीतलहर में बदल रही है। बताया कि आज अधिकतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस से गिरकर 12.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस से गिरकर 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा की दिशा उत्तर पश्चिम रही और इनकी रफ्तार 6.1 किलोमीटर प्रति घंटा रही। सुबह की आर्द्रता 85 फीसदी और दोपहर की आर्द्रता 77 फीसदी रही। आर्द्रता बढ़ने से भी गलन बढ़ी है। इस सप्ताह आसमान में बादल छाये रहेंगे और सर्दी में बराबर इजाफा होगा। इसके साथ ही कोहरा भी घना दिनों दिन होता जाएगा। इस मौसम में किसान भाई फसलों पर सिंचाई हल्की करें और रात में सिंचाई करने से परहेज करें। इसके साथ ही तिलहनी और दलहनी फसलों में कीट से बचाव के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव जरुर करें।
तेज हवाओं से गिरा पारा, बढ़ा शीतलहर का कहर