353वें प्रकाश पर्व पर लाखों लोगों ने चखा लंगर


- देश और जीवन में सुख शांति के लिए लोगों ने गुरु गोविन्द सिंह को टेका मत्था

कानपुर। श्री गुरु गोविन्द सिंह के 353वें प्रकाश पर्व के अंतिम दिन गुरुवार को आस्था का सैलाब नजर आया। लोगो ने गुरु के आगे मत्था टेकते हुए देश और जीवन में सुख शांति की कामना की। इसके साथ ही इस दौरान लाखों लोगों ने गुरु के लंगर को चखा।
शहर के मोतीझील प्रागण में आयोजित हुए श्री गुरु गोविन्द जी के 353 प्रकाश  पर्व के अंतिम दिन गुरु का आर्शावाद लेने के लिए लाखों लोग पहुंचे। पर्व के अंतिम दिन गुरुवाणी के माध्यम से लोगों को अच्छाई और बुराई के बारे में बताया गया। इसके साथ ही गुरु के बताये गये रास्तों पर चलने की बात कही गयी। सुबह से ही लोगां की भीड़ यहां पर जुटने लगी थी। इस दौरान कई शिविर का भी आयोजन किया गया था। जनपद के कई अधिकारी भी माथा टेकने के लिए पहुंचे। लंगर प्रभारी मनजीत सिंह सागरी ने बताया कि लगभग दो लाख से अधिक भक्तों ने लंगर चखा है। इसमें 180 कुंतल आटा, 50 कुंतल दाल, दो ट्रक सब्जी, 30 ड्रम देशी घी आदि का प्रसाद तैयार किया गया है।
श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान सरदार हरविन्दर सिंह लार्ड ने बताया कि लंगर ने देशभर में सबसे विख्यात प्रकाशोत्सव के रूप में ख्याति प्राप्त की है। कानपुर के सभी जत्थे बंदियां एवं सोसाइटियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त है। इसमें प्रमुख रूप से गुरु सेवक जत्था, यंगमैन सिख एसोसिएशन, खालसा दल, दशमेष शस्त्र दल, हेमकुंड सेवा सोसाइटी, रंजीत नगाड़ा, अकाली जत्था आदि का सहयोग प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान हरविन्दर सिंह लार्ड, सुखविन्दर सिंह भल्ला, मंजीत सिंह सागरी, टीटू सागरी, मोहन सिंह झस, ज्ञानी मदन सिंह, दया सिंह गांधी, मीतू सागरी, जसबीर सिंह, हरजिन्दर सिंह, कुलवंत सिंह, गुरचरन सिंह, कमरजीत सिंह, मिंटू बग्गा, गुरुदीप सिंह गांधी, गुरदीप सिंह बजाज, सुरिन्दर सिंह, कैप्टन गंभीर आदि रहें।